Considerations To Know About sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
ज्वालय ज्वालय click here ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।